हरियाणा
के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर साहब का एक टिविट देखा, जिसमें बेल्जियम से आये
दंपत्ति ने कैथल आकर बेटी को गोद लिया। उस दंपत्ति को हरियाणा के मुख्यमंत्री
मनोहर लाल जी बधाई औऱ शुभकामनाएं दे रहे थे और देना भी चाहिये। बेल्जियम परिवार की
नजर हरियाणा के कैथल की लड़की पर पड़ी और उसको गोद ले लिया गया। भारत से जाने के
बाद उसका बेहतर माहौल के साथ नया संस्कार भी मिलेगा।
अच्छा लगा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर साहब
की टीम इतनी सजग है कि अखबार में छपी खबर को संज्ञान लिया और बधाई संदेश दे दिया।
पर एक सवाल मेरे मन में आज और अभी उठ रहा है कि जो हरियाणा लिंगानुपात की समस्या
से जूझ रहा है, क्या उस राज्य के लिये यह कदम बेहतर हो सकता है?
इस
सवाल का जवाब अपने मन में ढूंढिए और कोई जवाब नहीं मिले तो पड़ोसी, दोस्त की मदद
भी लीजिए। मैं, गोपाल कांडा सोचता हूं कि क्या हरियाणा का कोई भी परिवार इसको गोद
नहीं ले सकता था। हम हरियाणा के लोग धर्म में ज्यादा विश्ववास रखते है। यहां हर
शहर में एक संत का आश्रम है और वहां संतवाणी सुनाई जाती है। क्या धर्म इसकी इजाजत
देता है। कैथल एक आश्रम में अनाथ लड़की को बेल्जियम परिवार ने गोद लिया है। क्या
कैथल सहित अन्य जिलों में इतनी संपंन्नता नहीं थी, उस लड़की को गोद ले लें और वो
भी तब जब आपके राज्य में लड़का लड़की के अनुपात में अंतर है।
नीति
आयोग के
रिपोर्ट के
अनुसार देश के 21 बड़े राज्यों में से 17 राज्यों में जन्म के
समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है. गुजरात में गिरावट 53 पॉइंट्स नीचे पहुंच गई
है। नीति आयोग द्वारा जारी इस रिपोर्ट में भ्रूण का लिंग परीक्षण कराकर होने वाले
गर्भपात के मामले में जांच की जरूरत पर जोर दिया गया है । रिपोर्ट के अनुसार जन्म
के समय लिंगानुपात मामले में 10
या उससे ज्यादा पॉइंट्स की पर्याप्त गिरावट होने वाले राज्यों में से एक
गुजरात में प्रति 1,000 पुरुषों पर 907 महिलाओं के अनुपात से
गिरकर अब 854 हो गया है. यहां साल 2012-14 ( आधार वर्ष) से 2013-15 (संदर्भ वर्ष) के बीच 53 पॉइंट्स की गिरावट हुई
है।
स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत की
रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के बाद हरियाणा का स्थान है। यहां 35 पॉइंट्स की गिरावट दर्ज
हुई है, इसके बाद राजस्थान (32
पॉइंट्स), उत्तराखंड (27 पॉइंट्स), महाराष्ट्र (18 पॉइंट्स), हिमाचल प्रदेश (14 पॉइंट्स), छत्तीसगढ़ (12 पॉइंट्स) और कर्नाटक (11 पॉइंट्स) की गिरावट हुई
है।
सवाल यह उठता है कि जिस राज्य में
धार्मिक काम करने में जनता पीछे नहीं है,जहां गौशाला गाय को सुरक्षित रखने के लिये
है,कन्या को सुरक्षित रखने के लिये कोई
कारगर उपाय नहीं। हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल
कांडा, #gopalkanda इसको सही नजर से नहीं देखते है, उनकाकहना है कि समाज के लोगों को आगे आना
चाहिये, उनका एक नारा है...
अब न बनाओ कोई नया किस्सा, बेटियों को दो अब समाज में
हिस्सा
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