Monday, September 16, 2019

मैं और हमारी सिरसा...


 गूगल सर्च इंजन पर जब आप सिरसा की समस्या को खोजेंगे, तो आपकों पता चल जाएगा कि सिरसा के हालात क्या है? सिरसा ही नहीं हरियाणा के हालात क्या है ? दिल्ली से सटा हुआ इलाका होने के बावजूद गुडग्राम की स्थिति आप देख लों। दिल्ली से आप जब गुडग्राम होते हुए रोहतक सड़क मार्ग पर पहुंचते है, तो सड़क की स्थिति देखकर आपको सरकार की स्थिति समझ में आ जाएगी। ऐसा इसलिये कहना पड़ रहा है कि सरकार के कथनी और करनी दोनों में ही अंतर स्पष्ट दिखता है।

 मेरा जुड़ाव सिरसा से है, इसलिये मैं हमेशा से हमारी सिरसा पर बात करना पसंद करता हूं। इंसान जहां रहता है, पहला सुधार वो वहां से करने का प्रयास करता है। मैं भी वहीं कर रहा हूं। सिरसा के विकास की गाथा भी जुमले की तरह है। अच्छे वादे और सटीक जुमले की रोशनी में सिरसा का विकास गुम हो गया है।

 अगर भरोसा नहीं हो तो घर बैठे गूगल सर्च इंजन पर सर्च कीजिए,सिरसा की समस्या। आपके सवालों के जवाब खुद व खुद मिल जाएंगे। समस्या अकसर से अवाम यानि आम लोगों की आवाज रही है। गूगल सर्च इंजन में दर्ज समस्या गलत नहीं है, यह किसी अखबार दारा आम लोगों के लिये उठाई गई आवाज है। अगर इन समस्याओं को पढ़ने के बाद आप सिरसा क्षेत्र का भ्रमण करेंगे तो आप इन समस्याओं को महसूस करेंगे।

अब बात की सिरसा के समस्याओं की। एक एनजीओ ने सिरसा के समस्याओं पर सर्वे किया है, जिसकी रिपोर्ट गूगल पर भी सार्वजनिक है। आप देख सकते हैं, उस रिपोर्ट के आधार पर सबसे बड़ी समस्या सिरसा के सौंदर्यीकरण में है। बढ़ती डेयरियों की संख्या, अवारा पशु और सीवेज लाइन।

इन मुख्य तीन समस्याओं से सिरसावासी जूझ रहे है। शहर के सौंदर्यीकरण के नाम हरेक गली मोहल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के फोटों लगे है। दिल्ली से मेरे आए हुए एक माह ही हुए है और मैं यह पूछने पर मजबूर हूं कि सतारूढ़ पार्टी के तरफ से सिरसा क्षेत्र का उम्मीदवार कौन होगा? पोस्टर के हिसाब से यहां कई उम्मीदवार है, जो हरेक गली मोहल्ले में लगे पोस्टर को देखकर आप उसकी उम्मीदवारी की पहचान कर सकते है।

छोड़िये राजनीति से दूर हम सिरसा के विकास की बात करते है, जिस गल्ली मोहल्ले में आप जाएंगे, तो आपको खुद लगेगा कि यहां साफ सफाई की बड़ी समस्या है। मेरे यहां आए हुए एक महीने हो गए, लेकिन अभी तक सतारूढ़ पार्टी का कोई नेता मुझे सड़क पर झाड़ू मारते हुए स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बनते हुए नहीं दिखा औऱ नहीं इसकी न्यूज पेपर में दिखी।लगता है कि केंद्र की इस योजना से सिरसा के सतारूढ़ नेताओं ने परहेज कर लिया हो, इसलिये काम उनके पोस्टर में ही दिख रहे हैं।

सड़क के किनारे सौंदर्यीकरण की जगह कचरों का ढेर लगा हुआ है। भरोस नहीं है तो शहर में घूमिए और देखिये अपने शहर को। चुनावी साल है, लोकतंत्र में एक बार वोट देने का मौका मिलता है। वोट जरूर दीजिये, लेकिन उनको चुनिए जो आपके अपने बीच का होगा और आपकी समस्याओं को सुने और समझें।

 सिरसा शहर में अवैध डेयरी,बेरोजगारी,डाक्टरों की कमी , उत्कृष्ट स्कूल सहित कई समस्याएं है। इसको आपको देखना और समझना होगा। तब कहीं जाकर आपको वोट देने के लिये उम्मीदवार को चुनना होगा।

No comments:

Post a Comment