Wednesday, October 2, 2019

सिरसा और रानियां में एकतरफा हलोपा का जलवा



सिरसा विधानसभा सीट के उम्मीदवारों पर लगाए जा रहे सारे कयास समाप्त हो चुके हैं। बीजेपी और संघ के वफादार प्रदीप रितु सरिया को टिकिट देकर चुनावी जंग शुरू होने से पहले ही खत्म कर दिया है। हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा के आगे बीजेपी का कमजोर और निरंकुश उम्मीदवार टिक भी नहीं पाएगा। हालांकि यह राजनीति जानकारों की भविष्यवाणी है।
 सिरसा की जनता का आवाज और काम एवं मदद के मामले सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे हलोपा के नेता gopalkanda और रानियां विधानसभा सीट के उम्मीदवार गोबिंद कांडा का कोई तोड़ नहीं है। 1 अक्टूबर को नामांकन फार्म के समय जो शक्ति प्रदर्शन किया, वो देखने लायक था। सिरसा की सड़कों पर जनता की हुजूम ने इस बात को साबित कर दिया कि सिरसा की जनता आज भी उनको देखना, सुनना पसंद करती है। सिरसा एक धार्मिक नगरी है और यहां के नेताओं का धार्मिक लगाव भी रहा है। गोपाल और गोबिंद कांडा भी इससे अछूते नहीं है। समाज सेवा, जनकल्याण सहित कई योजनाएं वो खुद अपने ट्रस्ट के माध्यम से चलाते है। दोनों भाईयों का विशेष लगाव जनसेवा में देखने को मिलता है। सिरसा और रानियां क्षेत्र में बेटियों की शादी हो या माता का जागरण। परिवार के सदस्य की तरह लोगों की मदद करना। यहीं उनकी इस क्षेत्र में पहचान बन चुकी है।
   ट्रस्ट के माध्यम से आंख का इलाज भी कराया जा रहा है। सिरसा और रानियां में जगह- जगह मोबाइल एंबुलेंस कैंप संचालित किये जा रहे है। इसके अलावा ट्रस्ट के माध्यम से कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का निशुल्क इलाज कराने का बीड़ा इन्हीं दोनों भाईयों ने उठाया है, जो कि काबिलेतारिफ है। कैंसर बीमारी का इलाज बहुत ज्यादा महंगा होने के कारण कई परिवार सही तरीके से इलाज करवा नहीं पाते है, लेकिन गोपाल और गोबिंद कांडा दोनों भाई ने इस कार्य के लिये भी तत्पर है, जबकि सरकार में न होते हुए सरकार से बेहतर काम सिरसा और रानियां क्षेत्र के लिये कर रहे है।
  एक मुलाकात के दौरान गोपाल कांडा ने साफ तौर पर कहा कि राजनीति मेरे लिये एक सेवा है। मैं राज सत्ता का सुख भोगने के लिये नहीं चुनाव में लड रहा हूं। मेरा काम जनता की सेवा करना है, अभी तक मैं सत्ता से बाहर रहकर जनता की सेवा की। कई मामलों में सरकार की मदद से बेहतर कार्य किये जा सकते है। मेरे पास अपना विजन है और इसी के आधार पर मुझे काम करना है। वर्तमान में नेताओं के पास विजन की कमी है। पार्टी के बदलौत जीतकर विधानसभा पहुंच जाते है, लेकिन शहर के विकास के लिये विजन नहीं होने के कारण काम कुछ भी नहीं होता है।वर्तमान के विधायक इसके उदाहरण है और अब सतारूढ़ पार्टी ने इस विधायक को दरकिनार कर दिया है। इससे नुकसान जनता को हुआ है।

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